My Learnings: Start Up, Management, Venture Capital, Work Life

Here is what a first time entrepreneur experiences in building a start-up and life... mistakes,learning and growth

Tuesday, December 15, 2009

रिश्ते


Here is Priya again with her new poem... I wish I would have written this:

रिश्ते

स्निग्ध और सुगन्धित फूलों से होते हैं रिश्ते,
कोमल और मुलायम,
सुबह की हवा में बहती भीनी भीनी खुशबू से होते हैं रिश्ते
महकता है जिनसे घर आंगन आस पड़ोस..और वातावरण...

शीतल, निश्छल और पारदर्शी होते हैं रिश्ते...
झील के पानी की तरह प्रवाह लिए अपने साथ छोटी छोटी चीज़ों को
कल कल करते बहते हैं रिश्ते

एक धागे में पिरोये मोतियों से होते हैं रिश्ते
चमकते हैं अँधेरे में भी....बिखर जाएँ कभी तो समेट लेने चाहिए...
चुन लेने चाहिए धीरज से..एक एक
कीमती होते हैं...
बाज़ार में नहीं मिलते पैसो से...
न ही खरीदे जा सकते.... खुशियों आती हैं इनसे अनमोल ...
कोई कीमत नहीं लगायी जा सकती इसकी....


रिश्ते सहेजने चाहिए पलकों पर
उठाना चाहिए नाज़ रिश्तों में,
प्यार से चलते हैं रिश्ते... समझ और दुनियादारी से नहीं.....

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